स्कूल में पढ़ने वाले बालकों की सकारात्मक सोच के लिये उज्ज्वल प्रशिक्षण मार्गदर्शिका

भोपाल
प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में पढ़ने वाले बालकों में सकारात्मक सोच के लिये उज्ज्वल कार्यक्रम में प्रशिक्षण मार्गदर्शिका तैयार की जा रही है। इसका प्रमुख उद्देश्य बालकों को बढ़ती उम्र के साथ विभिन्न पहलुओं और बदलाव में उनकी सकारात्मक भूमिका के प्रति सजग करना है। यह एक नवीन पहल है, जो बालकों में एक नयी सोच का संचार करेगी, जिससे वे सकारात्मक सोच के साथ विभिन्न मुद्दों को समझ पायें। किशोर अवस्था में अर्जित ज्ञान और कौशल का प्रभाव आजीवन रहता है। इसलिये आवश्यक है कि "पौरूष" की अवधारणा से बालक प्रारंभ से ही परिचित हो सकें और उनके अनुकूल जीवन में व्यवहार करने की सोच उनके अंदर विकसित हो सके। स्कूल शिक्षा विभाग ने यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फण्ड एक्टिविटी (यूएनएफपीए) के सहयोग से इस नवीन आवधारणा को लेकर मार्गदर्शिका उज्ज्वल का निर्माण किया है।

ये भी पढ़ें :  चुनावी बॉन्ड मामले में निर्मला सीतारमण पर दर्ज नहीं होगी FIR!, लगी अंतरिम रोक

उज्ज्वल में शामिल मुद्दे

मार्गदर्शिका "उज्ज्वल" में भेदभाव, हिंसा, टकराव, सायबर अपराध, लैंगिक अपराधों और कुप्रथाओं को रोकने में बालकों की भूमिका, घरेलू कामों में बालकों व पुरूषों की बराबरी की भागीदारी जैसे विभिन्न मुद्दे शामिल किये गये हैं। मार्गदर्शिका का क्षेत्रीय परीक्षण प्रदेश के डिंडोरी, बैतूल, गुना एवं भोपाल जिलों में कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के साथ चर्चा की गई। उनसे मिली प्रतिक्रियाओं और सुझावों को मार्गदर्शिका की विषय-वस्तु में शामिल किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने मार्गदर्शिका का प्रथम प्रारूप तैयार कर इसकी समीक्षा शिक्षकों के साथ की है। विभाग संशोधित मार्गदर्शिका को अंतिम स्वरूप देने पर काम कर रहा है।

ये भी पढ़ें :  छत्तीसगढ़-रायपुर अंतरराज्यीय बस स्टैंड में 8 करोड़ का सोना जब्त, 3 आरोपी गिरफ्तार

किशोरियों के लिये भी मार्गदर्शिका

कन्या छात्रावासों में अध्ययन करने वाली कक्षा 9वीं से 12वीं की किशोरियों के लिये भी सशक्त मार्गदर्शिका तैयार की जा रही है। मार्गदर्शिका के सहयोग से किशोरियां दक्षता अर्जित कर पाएंगी, जो उनके भावी जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होगी। किशोरियां विभिन्न जीवन कौशल विकसित कर जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम हो पायेंगी। किशोरियां अपने अधिकारों, कर्त्तव्यों और सामाजिक जिम्मदारियों के प्रति जागरूक होकर हॉस्टल, घर और समुदाय में परिवर्तन लाने की दिशा में भी सहयोग कर पायेंगी।

ये भी पढ़ें :  उज्जैन में महिला को शराब पिला सड़क पर ही रेप, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment